डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक द्वारा अनुवादित पुस्तक “कैसे बनता तूँ शायर” मोहन सिंह मेले पर लोकार्पित

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डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक द्वारा अनुवादित पुस्तक “कैसे बनता तूँ शायर” मोहन सिंह मेले पर लोकार्पित

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लुधियाना।

जगदेव सिंह जस्सोवाल (लुधियाना) की स्मृति में 46वें प्रो. मोहन सिंह मेले पर प्रो. मोहन सिंह की चुनिंदा रचनाओं का हिंदी में अनुवाद की गई पुस्तक “कैसे बनता तूँ शायर” लोकार्पित की गई। इसका अनुवाद पंजाबी और हिंदी की प्रसिद्ध शायरा डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक द्वारा किया गया, जो लगभग पाँच साल की कठिन मेहनत के बाद पूर्ण हुआ। सभी ने इस कार्य की जोरदार प्रशंसा करते हुए कहा कि इस किताब का हिंदी पाठक भरपूर स्वागत करेंगे। यह कार्य प्रो. मोहन सिंह जी को याद करने का एक अनूठा प्रयास है और हिंदी साहित्य जगत इस काम की सराहना जरूर करेगा। इस किताब को श्री सतबीर सिंह गोसल, वाइस चांसलर पी.ए.यू., श्री अशोक परशर पप्पी एम.एल.ए. सेंट्रल, स. प्रगट सिंह ग्रेवाल, चेयरमैन प्रो. मोहन सिंह फाउंडेशन, जनाब मोहम्मद सदीक, पूर्व एम.पी., श्री लवली जी, प्रधान प्रो. मोहन सिंह फाउंडेशन, डॉ. निर्मल जौड़ा, गुरनाम सिंह, ओलंपियन हरवंत कौर और प्रवासी शायर हरजिंदर कंग द्वारा लोकार्पण किया गया।

 

इस मौके पर प्रसिद्ध गायक जसवंत संदीला, मुख्य कृषि अधिकारी लुधियाना प्रकाश सिंह, करमजीत सिंह ग्रेवाल, मीना महरोक, अमरजीत शेरपुरी, गायक रणधीर चमकारा, सुखबीर संधे, दलबीर कलेर, इंद्रजीत कौर लोटे, और रंजीत सिंह हठूर भी उपस्थित थे। मेला हर साल की तरह इस बार भी यादगार साबित हुआ, क्योंकि इस प्रकार के मेले पंजाबी संस्कृति का हिस्सा हैं।

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