ब्राह्मण परिषद आगरा, हर वर्षों की भाती इस वर्ष भी पुराने लक्ष्मी गणेश जी का विसर्जन सम्मान एवं विधि विधान पूर्वक किया

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ब्राह्मण परिषद आगरा, हर वर्षों की भाती इस वर्ष भी पुराने लक्ष्मी गणेश जी का विसर्जन सम्मान एवं विधि विधान पूर्वक किया। इस अवसर पर आज 06 नवंबर, दिन बुधवार शहर भर से एकत्रित किए गए लगभग 11000 श्री लक्ष्मी गणेश जी की पुरानी मूर्तियों का सम्मान पूर्वक विधि विधान के द्वारा ब्राह्मणों की उपस्थिति में विसर्जन कराया गया, हाथी घाट पर यमुना कि किनारा रोड पर आगरा पर

 

कार्यक्रम के संयोजक सुनील दुबे ने बताया कि आज ब्राह्मण परिषद ने अपनी अनूठी पहल जो कि विगत 8 वर्षों से चलाई जा रही है जिसका शुभारंभ 30 अक्टूबर को हुआ था, और आज 101 स्थान से एकत्रित हुए श्री लक्ष्मी गणेश जी की पुरानी मूर्ति का विधि विधान पूर्वक विसर्जन कराया गया। हमने लगभग 11000 से ज्यादा मूर्तियां एकत्रित की पूरे शहर भर से और उनका विसर्जन किया।”

“हमारा उद्देश्य सिर्फ यही था कि अपने भगवान का सम्मान पूर्वक विसर्जन हो क्योंकि दिवाली के बाद यह देखने को मिलता था कि लोग बाग अपने घरों के आगे, मंदिर के परिसर में, पीपल के पेड़ के नीचे तथा यमुना के पुल के दोनों तरफ पुराने श्री लक्ष्मी गणेश जी की मूर्तियां रख देते थे, जिससे उनका अनादर होता था।”

” मन में एक पीड़ा बनी रहती थी कि ऐसा नहीं होना चाहिए और उसके बाद संकल्प लिया के हमको अपने भगवान का अनादर रोकना चाहिए और सभी के सहयोग से हम इसमें हर वर्ष आगे बढ़ते जा रहे हैं।”

 

प्रांजल भारद्वाज ने बताया कि ब्राह्मण परिषद की शुरुआत 1983 में हुई थी. “हम सभी को मिलकर आगे आना चाहिए और इस अनूठी पहल को कामयाब बनाना चाहिए, जिससे कि हम अपने इष्ट का अपमान होने से बचा सके और उनको सा सम्मान विदा कर सकें।”

प्रांजल आगे बताते हैं कि हम दिवाली के बाद से ही अपने घरों से निकल जाते थे और प्रतिदिन लगभग 4 से 5 घंटे बाहर बिताते थे, मैंने अपनी आंखों से देखा कि कुछ मूर्तियां गलियों में पड़ी हुई है और कुछ नाली के किनारे रखी हुई थी कुछ मूर्तियों को हमने कूड़े की देर से से निकाला और उनको यहां एकत्रित किया तथा आज सम्मानपूर्वक उनका विदाई समारोह किया”

 

ब्रह्म दत्त पंडित जी बताते हैं कि ब्राह्मण परिषद का उद्देश्य है कि भगवान का अपमान ना हो। भगवान का विधि मंत्र उपचार के द्वारा नगर निगम की सहायता के द्वारा बनाई गई कुंड में विसर्जन किया गया यह अनुभव बहुत ही अद्भुत था और दिल को एक खुशी हुई कि कुछ हम कर पाए अपने प्रभु की सम्मान के लिए मेरी लोगों से अपील है कि हर वर्ष हमारे साथ मिलकर इस शुभ कार्य में सहयोग करें और कभी भी पुराने लक्ष्मी गणेश जी को इस तरह न रखें हमारे रीति रिवाज के अनुसार जब हम नई मूर्ति लाते हैं तो उसका भी पूजन होता है और पुरानी मूर्ति को विदा करते हैं तो उनको भी सम्मान पूर्वक विधि वैदिक विधि के द्वारा ही विदा किया जाता है।

 

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेंद्र शर्मा, पंकज मिश्रा, हरिओम शर्मा, राहुल चतुर्वेदी, प्रमोद गुप्ता, सुधीर राठौर, सपन दुबे, मनीष अग्रवाल, राहुल सागर, सुनीता सारस्वत, राजकुमार गुप्ता, अशोक कुमार , अशोक लोधी सुमित मुद्गल और अन्य शामिल रहे

 

 

 

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