रचनात्मक सोच से सशक्तिकरण की ओर कदम: शी विल संस्था की डिज़ाइन थिंकिंग कार्यशाला सफलतापूर्वक सम्पन्न

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रचनात्मक सोच से सशक्तिकरण की ओर कदम: शी विल संस्था की डिज़ाइन थिंकिंग कार्यशाला सफलतापूर्वक सम्पन्न

थिंक थ्रस्ट की संस्थापक गोपिका शिंगल ने महिलाओं को नवाचार और ग्राहक-केंद्रित सोच अपनाने की दी प्रेरणा

आगरा। महिला उद्यमियों के सशक्तिकरण की दिशा में कार्यरत संगठन शी विल संस्था द्वारा संजय प्लेस स्थित फेयरफील्ड बाय मैरियट में डिज़ाइन थिंकिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस नवाचारपरक सत्र की मुख्य वक्ता रहीं थिंक थ्रस्ट की संस्थापक और डिज़ाइन थिंकिंग की विशेषज्ञ गोपिका शिंगल।
कार्यशाला की प्रस्तावना संस्थापक अध्यक्ष राशि गर्ग ने रखी और परिचय संयोजक पूजा लूथरा ने दिया।
गोपिका शिंगल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए डिज़ाइन थिंकिंग के पांच चरण सहानुभूति, परिभाषा, विचार निर्माण, प्रोटोटाइप और परीक्षण के माध्यम से महिला उद्यमियों को उपभोक्ता केंद्रित सोच की आवश्यकता समझाई।
उन्होंने कहा कि बड़े से बड़े ब्रांड भी अपने उत्पाद का निर्माण और प्रचार अपने उपभोक्ताओं की रुचियों और व्यवहार के अनुसार करते हैं। जब हम उपयोगकर्ता की सोच और आवश्यकता के अनुरूप उत्पाद बनाते हैं, तो बाज़ार में स्वयं ही उसकी मांग उत्पन्न हो जाती है।
उन्होंने प्रतिभागियों को यह भी सुझाव दिया कि वे उत्पाद निर्माण से पहले ग्राहक की मानसिकता, आवश्यकताओं और व्यवहार को समझें और उसके अनुरूप नवाचार करें।
संस्थापक अध्यक्ष राशि गर्ग ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से हमने महिला उद्यमियों को नवाचार की वह दृष्टि देने का प्रयास किया है, जो उन्हें प्रतिस्पर्धा के इस युग में न केवल आगे बढ़ने बल्कि नेतृत्व करने योग्य बनाए। डिज़ाइन थिंकिंग महिला सशक्तिकरण का प्रभावी औजार है।
संयोजक पूजा लूथरा ने बताया कि कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों से आईं महिला उद्यमियों, स्टार्टअप संस्थापकों और शिक्षा व नवाचार क्षेत्र की महिलाओं ने सहभागिता की।
कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रही बल्कि उन्हें ग्राहक-केंद्रित सोच, व्यावहारिक नवाचार और उद्यमशीलता में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की दिशा में प्रेरित भी किया।
इस अवसर पर दिव्या गुप्ता, अंकिता माथुर, कृषिका, रोली, कृतिका, मीनाक्षी, अक्षिता, कीर्ति, रुचि, अनुष्का, अंशिका सरकार, दीपिका, दीक्षा, सुनैना आदि ने सहभागिता की।