गरुड़झेप मुहिम यात्रा में गूंजेगी छत्रपति शिवाजी के शौर्य और प्रतिभा की गाथा

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गरुड़झेप मुहिम यात्रा में गूंजेगी छत्रपति शिवाजी के शौर्य और प्रतिभा की गाथा

101 किले का जल एकत्र कर किया जाएगा छत्रपति शिवाजी का जलाभिषेक, गोआ के विश्व विख्यात कलाकार शिवाजी के जन्म से राज्याभिषेक तक का करेंगे नाट्य मंचन

मशाल लेकर आगरा से राजगढ़ तक पैदल जाएंगे छत्रपति शिवाजी महाराज सेनापति के 14 वें वंशज, छत्रपति शिवाजी के सेनापतियों के 14 वें वंशज दिखाएंगे युद्ध जोहर प्रतिभा

आगरा। छत्रपति शिवाजी महाराज 17 अगस्त 1666 को मुगल शासक औरंगजेब के मुंह पर तमाचा मारते हुए उसकी कैद से निकलने में सफल हे। अपनी युद्ध कौशल और कार्य योजना क्षमता का प्रदर्शन करते हुए आगरा किले से हजारों सैनिकों को गुमराह कर निकल गए थे। छत्रपति शिवाजी के जयकारों संग वीर गाथा से युवाओं को रूबरू कराने के लिए समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान आगरा एवं छत्रपति शिवाजी के सेनापतियों के 14वें वंशज विगत कई वर्षों से आगरा से लेकर राजगढ़ तक गरुड़झेप में यात्रा निकल रहे हैं। 17 अगस्त को सैकड़ो लोगों की मौजूदगी में आगरा किला छत्रपति शिवाजी प्रतिमा स्थल पर कार्यक्रम के उपरांत मशाल जुलूस लेकर हजारों समर्थक राजगढ़ के लिए कूंच करेंगे।
सत्तो लाला फूड कोर्ड में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान शिवाजी के वंशज आभामारुति गोला ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा युवा पीढ़ी को महाराजा छत्रपति शिवाजी की वीरता, युद्ध कौशल और हिंदुत्व भावना से प्रेरित करने के लिए यह यात्रा निकाली जाएगी। 17 अगस्त सन 1666 को महाराज छत्रपति शिवाजी अपनी कार्य कुशलता युद्ध क्षमता और वीरता के बल पर औरंगजेब की कैद से मुक्त होकर आगरा से निकले थे। शिवाजी के सेनापतियों के 14 वें वंशज पिछले दो वर्षों से इस दिन को स्मृति दिवस के रूप में मना रहे हैं। इसी क्रम में 17 अगस्त को लाल किले के सामने स्थित शिवाजी प्रतिमा स्थल से पुणे तक लगभग 1250 किलोमीटर की गरुड़झेप मुहिम यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें गोआ के विश्व विख्यात कलाकार (150 महिलाएं) शिवाजी महाराज के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक की नाट्य प्रस्तुति की जाएगी। पूना की 55 छात्राएं आरंगजेव की कैद से शिवाजी महाजार कैसे बाहर निकले, इसका नाट्य मंचन करेंगी। साथ ही 101 किले के जल को एकत्र कर छत्रपति शिवाजी महाजार की प्रतिमा का जलाभिषेक किया जाएगा। बताया कि आगरा के सेवला जाट के पास सराय मलूक चंद नामक स्थान पर मशाल जुलूस का भव्य स्वागत किया जाएगा यह स्थान इसलिए महत्वपूर्ण है कि शिवाजी महाराज आगरा से जाते समय एक रात विश्राम हेतु यहां रुके थे।

समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान संस्था करेगी भव्य स्वागत
छत्रपति शिवाजी महाराज गरुड़झेप मुहिम यात्रा का स्वागत आगरा की समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान संस्था द्वारा भव्य रूप से किया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष डॉ वात्सल्य उपाध्याय ने बताया कि हिंदुत्व की प्रेरणा देने वाले महान वीर शासक शिवाजी महाराज की स्मृति को जोड़ने वाली इस यात्रा का आगरा क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा। मशाल जुलूस की भव्य अगवानी भी की जाएगी।

यात्रा से पूर्व दिखेगा शिवाजी का युद्ध कौशल सेनापतियों के वंशज दिखाएंगे करतब
आगरा। गरुड़झेप मुहिम के अध्यक्ष महाराष्ट्र से आए मारुति गोले ने बताया कि 1250 किलोमीटर लंबी यात्रा को पूरा करने में लगभग 13 दिन का समय लगेगा इस यात्रा में 1000 धावक 100 साइकिल सवार मशाल जुलूस साथ शिवाजी महाराज को नमन करते हुए चलेंगे। या6 चार प्रदेश (उप्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र) के 75 शहरों से गुजरती है। इस भव्य यात्रा का स्वागत आगरा की समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान संस्था द्वारा किया जाएगा। यात्रा का शुभारंभ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सांस्कृतिक मंत्री आशीष व उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर करेंगे। मराठी कलाकार प्राचीन युद्ध कला का प्रदर्शन कर उनके द्वारा दर्शाए व बताई युद्ध कला, शौर्य प्रतिभा का अनुसरण आज भी करते हैं।

इनकी रही मौजूदगी
प्रेस वार्ता के दौरान समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान आगर की महामंत्री, डॉ सिमरन उपाध्याय, गरुड़झेप मुहिम के संस्थापक आभा मारुति गोले, उपाध्यक्ष विजय गोयल, मुकुल सुवानी, संयोजक डॉ. सपना गोयल,पीएम पाण्डे, संजय जैन (प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय के प्रतिनिधि), आदि मौजूद थे।