गुरुकुल किड्ज़ एकेडमी में बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा देने का संकल्प लिया

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गुरुकुल किड्ज़ एकेडमी में बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा देने का संकल्प लिया

आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर ४ ए में स्तिथ गुरुकुल किड्ज़ एकेडमी में गणेश चतुर्थी का पर्व के पावन अवसर पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा देने का संकल्प लिया I इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पदमा देवी दासी जी रहीं जिन्होंने इस्कॉन वृन्दावन से गुरु श्री राधा गोविन्द जी से दीक्षा प्राप्त की है। पदमा देवी दासी जी ने बच्चों को इस दिन का महत्व बताते हुए श्री गणेश जी की कहानी भी सुनाईऔर आध्यात्मिक शिक्षा के अर्थ से अवगत कराया I स्कूल के सभी नन्हे मुन्ने बच्चो ने बातों को बहुत ही ध्यान से सुना I

इस अवसर पर एकेडमी के मैनेजर दिलीप जौहरी बताया कि स्कूल में आध्यात्मिक शिक्षा का अर्थ बच्चों के सर्वांगीण विकास से है, जिसमें शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास शामिल है, और यह उन्हें नैतिक मूल्यों, जैसे दया, प्रेम, और कृतज्ञता सिखाता है, जिससे उनके अंदर सकारात्मकता और सहिष्णुता पैदा होती है और वे समाज व स्वयं के लिए उपयोगी बन पाते हैं। इसमें ध्यान, योग, और विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथों का पठन शामिल हो सकता है, जिससे छात्रों की एकाग्रता बढ़ती है, तनाव कम होता है, और वे आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्त करते हैं।

सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना करते हुए एकेडमी की प्राधानाचार्य हेमलता जौहरी ने बताया की हमारी भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान श्री गणेश जी का नाम लिया जाता है तो शिक्षा के क्षेत्र में ये मह्त्वपूर्ण कार्य शुरू करने के लिए आज से बेहतर कोई भी दिन नहीं हो सकता है। हमारे विद्यालय में बच्चों को नयी तकनीकी ज्ञान के साथ साथ संस्कार भी सिखाये जाते है I शिक्षा, सही अर्थों में, जागरूकता का विस्तार है। यह वास्तविक सीखने की उस प्रक्रिया की तैयारी है जो स्कूल छोड़ने के बाद, जीवन के निरंतर संघर्ष और रणभूमि में होती है। बच्चों को जीवन में सही चुनाव करने के लिए आवश्यक उपकरण और समझ प्रदान करके, हम उन्हें स्थायी सुख की ओर ले जा सकते हैं। तब वे आध्यात्मिक विजय प्राप्त कर पाएँगे जो सफलता का सच्चा अर्थ है।

स्कूल की वाईस प्रिंसिपल राधा मिश्रा ने बताया अपने बच्चों की शिक्षा में, हमें उनके चरित्र और मन के विकास में मदद करनी चाहिए, लेकिन साथ ही हमें उन्हें इस दुनिया में सफलतापूर्वक जीने के लिए तैयार भी करना चाहिए। हम नहीं चाहते कि वे समाज में जाकर खुद को वहाँ हो रही घटनाओं से जुड़ने में असमर्थ पाएँ। उन्हें वे तथ्य अवश्य जानने चाहिए जो हमारी आधुनिक परवरिश का हिस्सा हैं। लेकिन उन्हें ये तथ्य इस तरह से नहीं सिखाए जाने चाहिए कि वे यह मानने लगें कि किसी भी चीज़ का कोई मूल्य नहीं है। आजकल गलत बातों पर बहुत ज़ोर दिया जाता है। आध्यात्मिक शिक्षा का आधार उन्हें समाज के लिए इस तरह तैयार करना है जिससे वे आदर्शवादी बने रहें।

विद्धयार्थीयो के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए दीप्ति शर्मा, नेहा सचदेव, सोनम शर्मा, मानवी कुशवाह, रश्मि, नीलम शर्मा, साक्षी दीक्षित, श्वेता सिंह एवं मुस्कान गोला आदि ने कार्यक्रम में अपना योगदान दियाI

इस अवसर पर एकेडमी के विनोद कुमार जौहरी तथा गौरव जौहरी भी उपस्थित रहे तथा उन्होंने आश्वासन दिया की वे बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देने का प्रयत्न करेंगे जिससे की वे अपने जीवन में सफल बने और बताया की वे आगे भी इस तरह के कार्यकमो का आयोजन करते रहेंगे।