
महागणपति का सिंदूरी श्रृंगार, “सिंदूर लाल चढ़ायो…” की गूंज से गूंजा श्री वरद वल्लभा महागणपति मंदिर
आगरा। भक्ति और उत्साह का अद्भुत संगम मंगलवार को छलेसर रोड स्थित श्री वरद वल्लभा महागणपति मंदिर में देखने को मिला। 11 दिवसीय गणेश महोत्सव के सप्तम दिवस पर गणपति बप्पा का तिलक और सिंदूरी श्रृंगार किया गया। सिंदूरी वस्त्रों, स्वर्ण आभूषण और सतरंगी हारों से अलंकृत श्रीवरद वल्लभा महागणपति जब सिंदूर से सजे फूल बंगले में विराजमान हुए तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
मंदिर संस्थापक हरिमोहन गर्ग ने बताया कि सप्तम दिवस का श्रृंगार विशेष रूप से सिंदूरी रंग में किया गया। लाल और नारंगी पुष्पों से सजे भव्य फूल बंगले ने श्रद्धालुओं के मन में भक्ति की गहराई और बढ़ा दी। गणपति बप्पा का तेजस्वी स्वरूप देखने के लिए सुबह से ही भक्तों की कतारें लगी रहीं।
जैसे ही मंदिर प्रांगण में “सिंदूर लाल चढ़ायो…” भजन की गूंज फैली, वातावरण उल्लास और आस्था से सराबोर हो गया। भक्तों ने गणपति बप्पा मोरया के गगनभेदी जयकारों के बीच आरती उतारी और कीर्तन में भाग लेकर अपने हृदय को गणपति के चरणों में अर्पित किया।
श्रद्धालु सीमा शर्मा ने कहा कि गणपति बप्पा का सिंदूरी श्रृंगार देखकर ऐसा लगा जैसे सचमुच भगवान हमारे बीच उपस्थित हों। मन को असीम शांति और ऊर्जा मिली।
वहीं युवा भक्त रोहित अग्रवाल ने बताया कि यहां आकर लगता है मानो पूरा जीवन ही गणपति बप्पा के चरणों में समर्पित कर दूं। इतने सुंदर फूल बंगले में विराजमान बप्पा के साथ फोटो लेना अपने आप में सौभाग्य है।
एक वृद्ध भक्त रामनाथ गुप्ता ने भावुक होकर कहा कि हर वर्ष इस महोत्सव में आकर जीवन का उद्देश्य पूरा होता है। गणपति बप्पा हमें शक्ति और संबल देते हैं, ताकि हम सभी जीवन की कठिनाइयों को पार कर सकें।
मंदिर प्रांगण में भक्तों के लिए प्रसाद स्वरूप फल, पंचमेवा और लड्डुओं का वितरण किया गया। वहीं, महिलाओं ने पारंपरिक गीतों और भजनों से उत्सव को और पावन बना दिया।
संध्या आरती के समय हजारों दीपों की लौ से मंदिर प्रांगण स्वर्णिम आभा से जगमगाने लगा। भक्तों ने दीप प्रज्वलित कर गणपति बप्पा से सुख-समृद्धि और मंगलकामना की प्रार्थना की।


