कोप भवन प्रसंग और वन गमन ने श्रद्धालुओं को किया भावुक
श्रीराम कथा महोत्सव के षष्ठ दिवस में उमड़ा आस्था का सैलाब

आगरा। सुभाष नगर, कमला नगर में विश्व सनातन ट्रस्ट द्वारा चल रहे नव दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव के षष्ठ दिवस पर कथा व्यास पं. भरत उपाध्याय ने कोप भवन लीला और वन गमन प्रसंग का मार्मिक वर्णन किया। प्रसंग सुनकर श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं और पूरा वातावरण भावुकता से भर उठा।
कथा व्यास ने कहा कि कैकयी के कोप भवन प्रसंग से यह शिक्षा मिलती है कि मोह और स्वार्थ मनुष्य को अपने ही प्रियजनों के प्रति कठोर बना देता है। माता कैकयी ने राजा दशरथ से वरदान मांगकर श्रीराम को वनवास और भरत को राज्य देने की जिद की। दशरथ जी वचनबद्ध थे, इसलिए भारी मन से उन्होंने यह निर्णय स्वीकार किया।
वन गमन का प्रसंग सुनाते हुए पं. भरत उपाध्याय ने बताया कि श्रीराम ने पिता की आज्ञा को सर्वोपरि मानते हुए बिना किसी विरोध के वन जाने का निर्णय लिया। माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने भी प्रभु संग वन जाने का संकल्प लिया। यह प्रसंग समाज को यह संदेश देता है कि जीवन में सबसे बड़ी शक्ति धर्म और कर्तव्य का पालन है।
उन्होंने कहा कि कोप भवन लीला हमें यह भी सिखाती है कि क्रोध और अहंकार पारिवारिक संबंधों को तोड़ सकते हैं, जबकि त्याग, धैर्य और समर्पण परिवार और समाज को जोड़ते हैं। श्रीराम ने हर परिस्थिति में मर्यादा और आज्ञाकारिता का पालन कर आदर्श स्थापित किया।
मुख्य अतिथि विधायक पुरषोत्तम खंडेलवाल ने व्यास पीठ का पूजन किया।
संस्था के संस्थापक एवं मुख्य यजमान आकाश शर्मा और रेखा शर्मा ने कहा कि वन गमन का प्रसंग हमें त्याग और संयम की महत्ता बताता है। धर्म के मार्ग पर चलने से ही जीवन सच्चे अर्थों में सफल होता है।
इस अवसर पर महंत गोपी गुरु (श्री लंगड़े हनुमत धाम, लंगड़े की चौकी), राघव उपाध्याय, गिर्राज बंसल, कालीचरण वैद्य, दीपेश उपाध्याय, पार्षद हरिओम, रामनिवास गुप्ता, लालू जादौन, गीता सिंघल, ऋतु गर्ग, सोहनी गर्ग, सपना गोयल, अंबे, अर्चना, बरखा, प्रेमलता शर्मा, बबिता शर्मा, कीर्ति, अमिता, गुंजन, कामना गोयल, रोशनी सिंघल, प्रेम वर्मा, एके सिंघल सहित अनेक श्रद्धालु कथा श्रवण कर भावविभोर हो उठे।


