आगरा में दिवाली के बाद पुरानी लक्ष्मी-गणेश मूर्तियों का वैदिक विधि से विसर्जन हुआ

आगरा: दिवाली के बाद भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पुरानी व त्यागी गई मूर्तियों के प्रति दिखाए जा रहे अनादर से व्यथित होकर ब्राह्मण परिषद ने एक सराहनीय पहल की। परिषद के सदस्यों ने कालोनियों, गलियों, बगीचों, प्रमुख मंदिरों और पीपल के पेड़ों के नीचे रखी पुरानी मूर्तियों को शहरभर से एकत्र किया और नगर निगम के सहयोग से हाथी घाट पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनका सम्मानपूर्वक विसर्जन किया।
सामाजिक कार्यकर्ता सुनील दुबे ने बताया कि कई वाहन के माध्यम से पूरे शहर में घूमकर मूर्तियाँ एकत्र की गईं। इसके बाद यमुना किनारे हाथी घाट स्थित विशेष कुंड में वैदिक रीति से उनका विसर्जन किया गया।
उन्होंने कहा, “दिवाली पर लोग नए वस्त्र, उपहार और नई मूर्तियाँ लाते हैं, लेकिन पुरानी मूर्तियाँ अक्सर पीपल के पेड़ों के नीचे, रास्तों के किनारे या कूड़े के ढेर में छोड़ दी जाती हैं, जो हमारी आस्था का अपमान है। इसलिए ब्राह्मण परिषद हर साल यह अभियान चलाती है, ताकि त्यागी गई मूर्तियों का विधिपूर्वक विसर्जन किया गया।”
सुनील दुबे ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दिवाली के बाद से ही स्थान चिन्हित कर यह अभियान शुरू किया गया। “हमने विभिन्न स्थानों से मूर्तियाँ एकत्र कर लगभग 11,000 गणेश-लक्ष्मी मूर्तियों के जोड़ों का विसर्जन किया,”
ब्राह्मण परिषद के प्रांजल भारद्वाज ने बताया कि हर साल की तरह इस वर्ष भी ब्राह्मण परिषद ने मूर्ति विसर्जन के इस विशेष आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया, जिसमें सभी की आस्था जुड़ी हुई है और इससे हमारे आराध्य देवों का भी अपमान नहीं होता।
उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि दिवाली के बाद पुरानी गणेश-लक्ष्मी मूर्तियों को सड़कों पर, पेड़ों के नीचे या खुले स्थानों पर न रखें। उन्होंने कहा, “कृपया उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें। हमारी टीम हर वर्ष की तरह इस बार भी मूर्तियाँ सम्मानपूर्वक एकत्र किये और उनका वैदिक विधि से यमुना घाट पर विसर्जन किया गया।”
समाज को जागरूक करने में ब्राह्मण परिषद की इस मुहिम को जन जन तक पहुंचने में हमारी मदद करें हम आपके बहुत आभारी रहेंगे
इस अवसर पर राजेंद्र शर्मा, प्रमोद गुप्ता सुनील दत्त शर्मा आरके पांडे नरेंद्र कुमार शर्मा प्रवीण शर्मा मणि दुबे अशोक राजपूत, सुमित व मनीष थापक हरिओम शर्मा अनीश चतुर्वेदी राहुल चतुर्वेदी सुनील कनौजिया सुमित मुद्गल, मयंक वे, सुधीर राठौर सुनील तिवारी सहित अन्य कई सदस्य और श्रद्धालु उपस्थित रहे।


