बाबा आखे हाजिया सुब अमला बाजो दोनों रोई

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*बाबा आखे हाजिया सुब अमला बाजो दोनों रोई

उक्त शबद का गायन करते हुए भाई मक्खन सिंह जी ऑस्ट्रेलिया वाले पंथ ने कहा कि जब पंडित और काजी गुरु नानक देव जी के पास गए और पूछने लगे कि वह बताए की कौन सा धर्म अच्छा है तो गुरु नानक देव जी ने कहा कि जो धर्म अच्छे विचार शुभ गुण देता है वह उत्तम धर्म है ।

यह कीर्तन दरबार सिक्ख समाज की केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान पर आयोजित कीर्तन दरबार में व्यक्त किए।

अपने अगले शब्द में उन्होंने

*धन धन हमारे भाग घर आया पिर मेरा* का गायन कर संगत को भाव विभोर कर दिया उन्होंने कहा कि धरती की पुकार सुन कर आप निरंकार ने गुरु नानक के रूप में धरती पर अवतार लिया उन्होंने इस शब्द के माध्यम से संगत को समझाया कि रब से बड़ा है उसका नाम और नाम से नामी को बस में किया जा सकता है ।उन्होंने सभी जन समूह से गुरु नानक के उपदेशों पर चलने का आह्वान किया ।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 7 बजे अखंड कीर्तनी जत्था के भाई जसपाल सिंह जी ने गुरबाणी का गायन किया।उपरांत भाई मेजर सिंह हजूरी रागी गुरुद्वारा मधुनगर ने *इस देही अंदर पंच चोर वसे,काम क्रोध लोभ मोह अहंकार* का गायन कर संगत को प्रभू के चरणों से जोड़ा।भाई बिजेंद्र सिंह हजूरी रागी ने भी गुरबाणी का गायन कर संगत को निहाल किया। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह ने सरबत के भले की अरदास की। प्रधान कंवल दीप सिंह ने ए सी पी कोतवाली, एस एच ओ कोतवाली,समन्वयक बंटी ग्रोवर,गुरमीत सिंह सेठी,जत्थेदार राजेंद्र सिंह इंदौरिया,परविंदर सिंह ग्रोवर,नरेंद्र सिंह लालिया एवं हरजीत अरोरा एडवोकेट को गुरु घर का सरोपा देकर सम्मानित किया। उपरोक्त के अतिरिक्त परमात्मा सिंह,पाली सेठी, रशपाल सिंह,सविंदर सिंह,प्रवीण अरोरा,बाबा शेरी, डी पी सिंह आदि की उपस्थित उल्लेखनीय रही

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