श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्राचीन स्वरूपों के दर्शन करवाए

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहला प्रकाश पर्व आगरा के भिन्न भिन्न गुरुद्वारो मे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मुख्य आयोजन सिक्ख समाज की केंद्रीय संस्था श्री गुरु सिंह सभा माईथान पर शाम 7 बजे से रात्रि 9.30 बजे तक मनाया गया।जिसमे कीर्तन दरबार के साथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब के प्राचीन स्वरूपों के दर्शन करवाए गए। शाम के दीवान आरम्भता श्री रहिरास साहिब के पाठ से हुई। इस अवसर पर विशेष रूप से पधारे भाई जितेंद्र सिंह अरोड़ा फरीदाबाद वाले ने सबसे पहले *ऐसे गुर को बल बल जाइए आप मुक्त मोहे तारे* का गायन किया। उपरांत *वाहो वाहो बाणी निरंकार है तिस जेवड अवर न कोए का गायन कर संगत का मन मोह लिया। उससे पूर्व भाई बिजेंदरपाल सिंह ने *बाणीं प्रभ की सब को बोले. अडोल ना कबहूं डोले*. *अमृत बाणीं हर हर तेरी .सुणं सुंण होवे परम गत मेरी* एवम बीबी निर्मल कौर ने .*संता के कारज आप खलोआ हर कम करावणं आया राम* का गायन किया।

मुख्य ग्रंथी ज्ञानी कुलविंदर सिंह जी ने सरवत के भले की अरदास की। समागम मे प्रधान कंवलदीप सिंह,चेयरमैन परमात्मा सिंह,पाली सेठी,समन्वयक बंटी ग्रोवर, रशपाल सिंह ,जस्सी सिंह,गुरप्रीत सिंह बबलू इंदरजीत सिंह विरेंद्र सिंह वीरे,अजीत सिंह, बादल सिंह,अमरिंदर सिंह

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