चैम्बर ने आयकर संबंधी समस्याओं से अवगत कराया प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कानपुर श्री अपर्णा करन जी को

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1. चैम्बर ने आयकर संबंधी समस्याओं से अवगत कराया प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कानपुर श्री अपर्णा करन जी को।
2. विजन 2047 मे करदाताओं के सहयोग की है अहम भूमिका – अपर्णा करन प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त
3.सरकार की मंशा सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास – अपर्णा करन प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त
4. करदाताओं के साथ मैत्रीपूर्ण संबन्ध निभाता है आयकर विभाग – श्री अनुपम कांत गर्ग, प्रधान आयकर आयुक्त।
5. करदाता है देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ – एसएस भदौरिया, पीसीआईटी कानपुर।
6. विभाग द्वारा कई शहरों मंे करदाताओं के साथ संवाद कार्यक्रम किये जा रहे हैं आयोजित।
7. कर जमा करना करदाता का है दायित्व और सरकार प्रतिबद्ध है करदाता की समस्याओं के निदान को लेकर।
8. चैम्बर द्वारा सभी समस्याओं पर सकारात्मक कार्यवाही करने का दिया आश्वासन।
9. ताज संरक्षित क्षेत्र होने के कारण आगरा को न बनाये जाये कर कलैक्शन का लक्ष्य।
10. प्रभावी अपील के बाद धन वापसी करने में विलम्व न करने की मांग।
11. ट्रस्ट के लिए 12ए और 80जी पंजीकरणों के नवीनीकरण की तिथि में विस्तार करने की चौम्बर ने की मांग।
12. सीआईटी(ए)/एनएफएसी द्वारा अपीलों के निपटान में होता है अत्यधिक विलम्व।
13 . अपीलीय आदेशों में प्रस्तुत दलीलों पर विचार न करने का किया अनुरोध।

आगरा।चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल की अध्यक्षता में पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन श्री अनिल वर्मा जी के नेतृत्व मे प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कानपुर उ0प्र0 (वेस्ट) एंड उत्तराखंड श्रीमती अपर्णा करन, आई.आर.एस., जी, प्रधान आयकर आयुक्त कानपुर एस.एस. भदौरिया, प्रधान आयकर आयुक्त-1 श्री अनुपम कांत गर्ग, प्रधान आयकर आयुक्त (ओएसडी)(डीआर), आईटीएटी श्री सुकेश कुमार जैन जी के साथ आयकर अधिनियम के अंतर्गत अनुपालन एवं करदाता सेवाओं पर संवादत्मक सत्र का आयोजन किया गया है। संवाद सत्र का शुभारम्भ प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कानपुर श्रीमती अपर्णा करन, चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल, उपाध्यक्ष द्वय संजय कुमार गोयल, विवेक जैन, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन एडवोकेट श्री अनिल वर्मा, टैक्सेशन बार एसोसियेशन के अध्यक्ष अक्षय कुमार कुलश्रेष्ठ, सीए एसोसियेशन के चेयरमैन गौरव सिंघल जी द्वारा दीप प्रज्जलन करके किया गया। चैम्बर के अध्यक्ष संजय गोयल व आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा द्वारा प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्रीमती अपर्ण करन जी को आयकर संबंधी समस्याओं पर 10 सूत्रीय प्रतिवेदन दिया गया।

चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल ने कहा कि आगरा ताज संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है। आगरा में किसी भी नये उद्योगा को लगाने व उसके विस्तारीकरण किया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित है इसलिये हमारा सुझाव है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य निर्धारित करते समय आगरा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कर वसूली के क्षेत्र में राहत प्रदान की जाये।
अपीलों के निपटारे में देरी के कारण उच्च स्तरीय मूल्यांकनों में मांग पर रोक पर कहा गया कि कई मामलों में अत्यधिक मूल्यांकन पारित किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप करदाता के विरुद्ध निराधार मांगें लंबित रह गई हैं। करदाता के लिए अपील के सीआईटी (ए) के समक्ष लंबित रहते हुए मांग का 20 प्रतिशत भुगतान करना संभव नहीं है। हमारा सुझाव है कि एक उपयुक्त मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जानी चाहिए, यदि सीआईटी (ए) के समक्ष अपीलें लंबे समय से लंबित हैं, तो विभाग को उक्त मांग की वसूली के लिए कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अपीलकर्ता वर्षों से लंबित अपीलों के निपटारे में चूक का दोषी नहीं है।

चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने अपील के प्रभावी होने के बाद धन वापसी जारी करने में देरी होने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अपील के फैसले करदाताओं के पक्ष में आने के बाद भी, उन्हें मिलने वाली धनराशि तुरंत जारी नहीं की जाती। इस देरी से नकदी प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और करदाताओं को काफी कठिनाई होती है। हम सुझाव है कि अपील के बाद धनराशि की प्रक्रिया और जारी करने के लिए एक निश्चित समयसीमा निर्धारित की जाए। कुछ मामलों में, करदाता द्वारा प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना-2024 के तहत अपनी ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी कर लेने के बावजूद, फॉर्म 4 अभी तक करदाता को प्राप्त नहीं हुआ है और इस प्रक्रिया में देय धनवापसी भी अभी तक करदाता को प्राप्त नहीं हुई है। फेसलेस सिस्टम में, हम 15 दिनों के लिए स्थगन याचिका दायर करते हैं और प्राप्त 15 दिनों के स्थगन को मानकर अपने मामले की तैयारी करते हैं। कई मामलों में, हमारी स्थगन याचिका अस्वीकृत होने की पूर्व सूचना दिए बिना ही एकतरफा आदेश पारित कर दिए जाते हैं। हमारा सुझाव है कि एकतरफा आदेश पारित करने से पहले, स्थगन याचिका अस्वीकृत होने की सूचना करदाता को दी जाए और उसे जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर भी दिया जाए। अधिनियम की धारा 154 के तहत गलतियों के सुधार हेतु दायर किए गए आवेदनों का निपटारा अक्सर केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) द्वारा यांत्रिक तरीके से किया जाता है, जिसमें तथ्यों, कानूनी स्थिति या सहायक दस्तावेजों पर उचित विचार नहीं किया जाता। यह प्रथा प्रावधान के उद्देश्य को कमजोर करती है और करदाताओं की अनावश्यक शिकायतों को जन्म देती है। सुझाव है कि सीपीसी को ऐसे आवेदनों के निपटान में अधिक विवेकपूर्ण और तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जाए। वैकल्पिक रूप से, आवेदनों को संबंधित क्षेत्राधिकार निर्धारण अधिकारी को मैन्युअल निपटान के लिए स्थानांतरित किया जा सकता है।

प्रार्थना जलान जी ने कहा कि कई ट्रस्ट जिन्हें 30 सितंबर, 2025 तक 12ए और 80जी पंजीकरण का नवीनीकरण कराना था, त्योहारी मौसम और कर पेशेवरों के रिटर्न दाखिल करने और कर लेखापरीक्षा में व्यस्त रहने के कारण ऐसा करने में विफल रहे हैं। सीबीडीटी को ट्रस्टों के लिए 12ए और 80जी पंजीकरण के नवीनीकरण की समय सीमा 30 सितंबर, 2025 से आगे बढ़ा देनी चाहिए। यह देखा गया है कि आयकर आयुक्त (अपील)/एनएफएसी के समक्ष दायर अपीलों का निपटारा समय पर नहीं हो रहा है। अपीलें वर्षों तक लंबित रहती हैं और उनमें कोई ठोस प्रगति नहीं होती। हम सुझाव देते हैं कि अपील प्रणाली में निश्चितता और विश्वास लाने के लिए अपीलों के निपटारे हेतु एक निश्चित और उचित समय सीमा (जैसे 6 से 12 महीने) निर्धारित की जाए।

आयकर प्रकोष्ठ की को-चेयरमैन राजकिशोर खंडलेवाल जी ने कहा कि अपीलीय आदेश अक्सर करदाताओं द्वारा लिखित दलीलों और साक्ष्यों पर उचित विचार किए बिना सतही तौर पर पारित कर दिए जाते हैं। इससे न्याय के सिद्धांतों का हनन होता है और अनावश्यक मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिलता है। हम सुझाव है कि तर्कसंगत और स्पष्ट आदेश जारी करने के लिए निर्देश दिए जाएं, जिनमें प्रस्तुत दलीलों का उचित समाधान किया गया हो। कई मामलों में, अधिनियम की धारा 250 के तहत बार-बार नोटिस मौजूदा रिकॉर्ड और प्रस्तुत दस्तावेजों की उचित जांच किए बिना जारी किए जा रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि ये नोटिस बिना सोचे-समझे जारी किए जाते हैं और अक्सर प्रक्रिया में और देरी करते हैं। ऐसे बार-बार और यांत्रिक रूप से जारी किए जाने वाले नोटिसों को कम करने के लिए उचित निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

चेैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल व पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा द्वारा प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री अपर्णा करन जी को प्री बजट पर अपने सुझाव माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी को देने हेत एक 25 सूत्रीय मेमोरेंडम उनको प्रेषित किया गया।

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री अपर्णा करन जी ने कहा कि विभाग हमेशा व्यापारियों व उद्यमियों की आयकर संबंधी समस्याओं को निस्तारण करने के लिये हमेशा प्रतिबद्ध हैं आज विभाग के पास ऐसी तकनीकी है जिसे हमें टैक्स डाटा उपलब्ध हो जाता है। हम सभी को कर देकर देश की भागीदारी में अपना सहयोग प्रदान करना चाहियें। विजन 2047 मे करदाताओं की सहयोग की अहम भूमिका निभायेगे। हम सभी का कर्तव्य है कि कर सही तरीेके से भरें। विभाग आपके साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखता है। किसी भी देश का विकास उसके करदाताओ पर निर्भर करता है। कर भरिये और देश के योगदान में भागीदार बनिये। चैम्बर द्वारा प्रेषित समस्याओं व सुझावों को प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त द्वारा बहुत ही ध्यानपूर्वक सुना गया व उनपर शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।

बैठक में चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल, उपाध्यक्ष संजय कुमार गोयल, उपाध्यक्ष विवेक जैन, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन श्री अनिल वर्मा, पूर्व अध्यक्ष के के पालीवाल, राजकुमार अग्रवाल, सीताराम अग्रवाल, प्रदीप कुमार वार्ष्णेय, सदस्य सीए दीपेन्द्र मोहन, रूपकिशोर अग्रवाल, राकेश चौहान, दीपक महेश्वरी, अनूप गोयल, राजीव कुमार गुप्ता, मंयक अग्रवाल, अनूप मित्तल, तरून कुमार, अशोक कुमार गोयल, मनोज कुमार अग्रवाल, सुशील गुप्ता, कुलवीर सिंह, राजीव अग्रवाल, राजेन्द कुमार अग्रवाल, अजय गुप्त रंगीला, कपिल गर्ग, पंकज गर्ग, अनुराग सिन्हा, उमेश गोयल, अनुज गोयल, राजेन्द्र गर्ग, विजय कुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, श्याम मोहन गुप्ता, किशोर खन्ना, अमित बंसल, अखिलेश कुमार दूबे, सतीश अग्रवाल, अमित मित्तल, मोहित अग्रवाल आदि उपस्थित थे।