जूता कारोबारियों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी कर गायब हुई फर्म
द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन के तहत आम सभा आयोजित कर धोखाधड़ी करने वाली फर्म से पैसा वसूलने को लेकर हुई चर्चा हरिपर्वत थाने में दर्ज कराया अभियोग
आगरा। आगरा की लगभग 20 फैक्ट्रियों संग 15 करोड़ की धोखाधड़ी कर फर्म गायब हो गई है। पहले बड़े बड़े आर्डर दिए, पैमेन्ट भी किया। लेकिन पिछले वर्ष से जब आर्डर बढ़ा कर पैमेंट की गति धीमी हुई तो जूता व्यापारियों को कुछ खटका लगा। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। नोयडा की फर्म मार्केटिंग किंग ऑनलाइन प्रा.लि. (ब्रांड नेम एटीट्यूडिस्ट) आगरा की लगभग 20 फैक्ट्रियों से माल समेट कर लगभग 15 करोड़ का चूना लगाकर गायब हो गई। अब जूता व्यापारी फर्म के उन मालिकों का तलाश कर रही है, जो एक विज्ञापन में खुद को आगरा का बता रहे थे। इसमें दो लड़कियां और एक युवक शामिल हैं।
संजय प्लेस स्थित अवध वैंकट हॉल में द आगरा शू फैक्टर्स फैडरेशन की सभा में फैडरेशन के अध्यक्ष विजय सामा के नेतृत्व में आयोजित सभा में बताया कि फर्म के निदेशक शिवम मिश्रा व साईओ हरित्मा मिस्रा, स्नेहलता वर्मा द्वारा आगरा की जूता फर्मों के साथ पिछले एक वर्ष से भेजे गए आर्डर के मुताबिक पेमेंट न किए जाने, लगातार धोखाधड़ी और 420 करके करोड़ों रुपए हड़पने पर हरिपर्वत थाने में अभियोग दर्ज कराया गया है। प्रशासनिक जांच में सामने आया कि पहले धोखाधड़ी करने वाली फर्म के तीनों अधिकारी लखनऊ के रहने वाले हैं, जबकि सोशल मीडिया पर चल रहे विज्ञापन में वह खुद को आगरा का बताते हैं। धोखाधड़ी करने वाली फर्म का कार्यालय गुड़गांव में था जो अब नोयडा में शिफ्ट कर दिया गया। नोयडा में 6 लाख रुपए प्रतिमाह पर लिए गए कार्यालय का 6 माह से किराय अदा नहीं किया गया है। वहीं दिल्ली की भी एक जूता फर्म के साथ 65 लाख की धोखाधड़ी की गई है। पुलिस द्वारा धोखाधड़ी करने वाली फर्म के कार्यालय पर दबिश देने पर सभी लोग फरार हो गए। जूता कारोबारियों ने एक स्वर में मांग करते हुए प्रशासन से अपना पैसा वापस दिलवाने की मांग की। ताकि वह अपनी फर्म को बंद होने व परिवार को भूखे मरने से बचा सकें। सभा में मुख्य रूप से धोखाधड़ी का शिकार हुए मौ. राशिद, मौ. इरफान, संदीप, राजू जसवानी, मौ. शाकिर, मनेन्द्र सिंह, शाहरुख खान, अम्बर शमसी, मौ. आरिश, प्रांकुर, शिवा महाजन, वीरेन्द्र मौर्य, योगेन्द्र वर्मा, लक्ष्मी फुटवियर, दिव्यांसी फुटवियर, आनन्द शूज, मौ. अफसर, मौ. शादाब थे।