तूलिका से बिखरे सात रंग, पाई खुशियों की सौगात,
आगरा में मेंटल हेल्थ कार्निवल के तीसरे दिन अभिव्यंजक कला चिकित्सा पर कार्यशाला संपन्न
• प्रतिभागियों ने चित्रकला के माध्यम से भावनाओं को दी अभिव्यक्ति
• विशेषज्ञों ने बताए कला-चिकित्सा के मनोवैज्ञानिक लाभ
• संस्था ‘फीलिंग्स माइंड्स’ द्वारा आयोजित सात दिवसीय कार्निवल
• स्टूडियो पॉइंट संस्था के सहयोग से आयोजित कार्यशाला, बच्चों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
आगरा। चित्रों में भी छिपी होती है मन की भाषा, यही संदेश मिला सिकंदरा−बोदला रोड स्थित फीलिंग्स माइंड्स संस्था के मेंटल हेल्थ कार्निवल के तीसरे दिन आयोजित अभिव्यंजक कला चिकित्सा कार्यशाला में। तूलिका से बिखरे इंद्रधनुषी रंगों ने ना केवल प्रतिभागियों की रचनात्मकता को स्वर दिया, बल्कि उनके मन को भी हल्का किया।
कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि बाल मनोचिकित्सक एवं लेखिका पल्लवी नियोगी, दयालबाग एजुकेशन इंस्टीट्यूट की डॉ मीनाक्षी ठाकुर, बैकुंठी देवी कन्या महाविद्यालय की बिंदु अवस्थी, संस्था की संस्थापक एवं अंतरराष्ट्रीय मनोवैज्ञानिक डॉ चीनू अग्रवाल एवं सह-संस्थापक डॉ रविंद्र अग्रवाल उपस्थित रहे।
पल्लवी नियोगी ने कहा, “बच्चों की अभिव्यक्ति को समझना बेहद जरूरी है। कई बार वे अपनी भावनाओं को शब्द नहीं दे पाते, ऐसे में कला उन्हें एक सशक्त माध्यम प्रदान करती है।”
डॉ मीनाक्षी ठाकुर और बिंदु अवस्थी ने इंद्रधनुष के रंगों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव की व्याख्या की और प्रतिभागियों को रंगों के माध्यम से आत्म-अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में बनी चित्रकला की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें प्रतिभागियों ने चित्रों के साथ अपनी भावनाओं को शब्दों में साझा किया।
डॉ चीनू अग्रवाल ने बताया कि स्टूडियो पॉइंट संस्था के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में हर आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। जल्द ही कक्षा 3 से 12वीं तक के बच्चों के लिए दुबई, बर्लिन और लंदन जैसे शहरों में अंतरराष्ट्रीय चित्रकला कार्यशालाएं और प्रदर्शनी आयोजित की जाएंगी। कार्यशाला में मिताली जैन, एकता सत्संगी, इशिका बंसल, कोमल दंडोतिया, मेघा गोयल, बृजमोहन, दीपा कुशवाह, रेखा चौहान, पूनम चौहान, काव्या अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
आगामी कार्यक्रम:
संस्था के सह-संस्थापक डॉ रविंद्र अग्रवाल ने बताया कि कार्निवल के चौथे दिन बुधवार सायं 4 से 6 बजे तक तलाक के बढ़ते मामलों और उनके निवारण पर विशेषज्ञों द्वारा परिचर्चा आयोजित की जाएगी।