
विश्व एड्स रोग दिवस के अवसर पर विश्व एड्स दिवस-2025 का हुआ आयोजन, निकाली गई वृहद् स्तर पर परेड
*टीबी एक गंभीर संक्रमण है जो फेफड़ों को प्रभावित करता है, इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह हो सकता है जानलेवा, प्रत्येक एचआईवी मरीज को 06 माह तक टीबी से बचाव की दवा खाना अनिवार्य-मुख्य चिकित्साधिकारी।*
आगरा.01.12.2025/आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 अरूण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विश्व एड्स रोग दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ‘‘बाधाएँ दरकिनार, एच0आई0वी0 पर सशक्त प्रहार’’ थीम पर विश्व एड्स दिवस-2025 का आयोजन कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा परिसर पर किया गया।
डॉ0 अरूण कुमार श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा की अध्यक्षता में विश्व एड्स दिवस पर एक वृहद् स्तर पर परेड निकाली गयी। जिसका शुभारम्भ कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा परिसर से डा0 सुखेश गुप्ता, जिला क्षय रोग व एड्स नियंत्रण अधिकारी, आगरा द्वारा हरी झण्डी दिखाकर किया गया।
परेड में एएनएम प्रशिक्षु छात्रायें, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं एन0सी0सी0 इकाईयों के स्वयं सेवकों, समस्त आईसीटीसी/पीपीसीटीसी काउंसलर, एएसके, एसटीआई, सोसाइटी से सम्बद्ध एनजीओ प्रतिनिधि जन चेतना सेवा समिति, पंचशील वेलफेयर सोसाइटी, आगरा पाजिटिव वेलफेयर सोसाइटी, चेतना सोसाइटी के तीन दो सौ से ज्यादा प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
डॉ0 अरूण कुमार श्रीवास्तव मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा ने बताया कि विश्व एड्स दिवस प्रत्येक वर्ष 01 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस एड्स (एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम) के बारे में जागरूकता फैलाने और एड्स पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति और समर्थन प्रदर्शित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना, एड्स पीड़ित लोगों के अधिकारों की रक्षा करना और एड्स के खिलाफ लड़ने के लिए वैश्विक प्रयासों को मजबूत करना है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, आगरा ने बताया कि प्रत्येक एचआईवी मरीज को 06 माह तक टीबी से बचाव की दवा खाना अनिवार्य है। यह इसलिए है क्योंकि एचआईवी से पीड़ित लोगों में टीबी होने का खतरा अधिक होता है। टीबी एक गंभीर संक्रमण है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है और अगर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। एचआईवी से पीड़ित लोगों में टीबी का खतरा अधिक होने के कई कारण हैं। एक कारण यह है कि एचआईवी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर टीबी जैसे संक्रमणों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। इसलिए एचआईवी से पीड़ित लोगों को टीबी से बचाव की दवा खाना अनिवार्य है। यह दवा टीबी के संक्रमण को रोकने में मदद करती है और एचआईवी से पीड़ित लोगों को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
डा0 सुखेश गुप्ता, जिला क्षय रोग व एड्स नियंत्रण अधिकारी (नोडल अधिकारी) ने जनता को जागरूक करने के लिए बताया कि एड्स के फैलने के मुख्य रूप से चार कारण हैः- एड्स से संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध। एड्स से संक्रमित सुई से स्वस्थ व्यक्ति को सुई के लगाने से। एड्स संक्रमित खून को स्वस्थ व्यक्ति को चढाने से तथा एड्स से संक्रमित गर्भवती माँ से उसके होने वाले बच्चे को।
डा0 सुखेश गुप्ता, जिला क्षय रोग व एड्स नियंत्रण अधिकारी ने बताया कि इस समय जनपद में एचआईवी के 5397 सक्रिय मरीज हैं। इस वित्तीय वर्ष में 587 नये एचआईवी मरीज पंजीकृत किये गये। वर्ष 2025 में अब तक 28002 टीबी मरीज खोजे गये हैं, जिसमें सभी की एचआईवी जांच कराई गई, जिसमें 129 ऐसे एचआईवी मरीज पंजीकृत किये गये जिनमें टीबी की भी बीमारी निकली है। इन मरीजों को दोनों प्रकार की दवाएँ साथ-साथ खिलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि जब कोई व्यक्ति कई वर्षों तक एचआईवी वायरस से पीड़ित रहता है और उसका उपचार नहीं होता है तो वह एड्स मरीज बन जाता है। यदि एचआईवी मरीज एड्स का रोगी बन जाता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली रोगाणुओं से अच्छी तरह से नहीं लड़ पाती। यही वजह है कि एड्स से पीड़ित लोगों को अक्सर गंभीर संक्रमण और स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं।
एचआईवी के लक्षण यथा- वजन का कम होना, एक महीने से अधिक बुखार आना, तथा एक महीन से अधिक का दस्त। साथ ही एड्स के लक्षण यथा- लगातार खांसी, चर्म रोग, मुंह एवं गले में छाले होना, लसिका ग्रंथियों में सूजन एवं गिल्टी, याददाश्त खोना, मानसिक क्षमता कम होना तथा शारीरिक शक्ति का कम होना। टीबी के लक्षण यथा- दो सप्ताह से अधिक की खांसी, पसीने के साथ बुखार, अत्यधिक कमजोरी, भूख न लगना, बलगम में खून आना, सीने में दर्द होना।
विश्व एड्स दिवस परेड में उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा0 एस0 के0 राहुल एवं समस्त स्टॉफ उपस्थित रहा। विश्व एड्स दिवस परेड में दिशा क्लस्टर आगरा, जिला क्षय रोग केन्द्र का समस्त स्टॉफ एवं डॉ0 सलोनी, प्रभारी एएनएमटीसी, आगरा का सक्रिय योगदान रहा।
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